Wednesday, January 11, 2023

भाई poem by गुंजन यादव

भाई

पिता की परछाई होते हैं भाई,
छोटी-छोटी बातों पर लड़े वो होते हैं भाई।
हमारे पहले रक्षक होते हैं भाई,
अपनी हर बात हमें बताये वो होते है भाई।।

माँ के लाडले होते हैं भाई,
घर का चिराग होते हैं भाई।
रक्षाबंधन की कलाई होते हैं भाई,
भाई दूज का नाम होते हैं भाई।।

दादा को प्यारे होते हैं भाई,
खानदान का वारिस होते हैं भाई।
बहनों को बहुत सताते हैं भाई,
बहनों की गुड़िया छिपाते हैं भाई।।

सबकी आंखों का तारा होते हैं भाई,
बहन की शादी में जो खुद रोये वी होते हैं भाई।
सरहद पर शहीद होते वो भी हैं भाई,
सबसे प्यारा उपहार होते होते हैं भाई।।

बहन के लिए जो जमाने से लड़े वो होते हैं भाई,
बहनों की शान होते हैं भाई।
छिप-छिप कर रोते हैं वो होते हैं भाई,
बहनों को प्यारे होते हैं भाई।।

- गुंजन यादव ©® कक्षा-9th,
महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम),
कोहला, हनुमानगढ़ (राजस्थान)

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